काल सर्प दोष

काल सर्प दोष के प्रभाव और उपचार को समझना

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्योतिष की कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों के योग से प्रायः कुछ ना कुछ शुभ और अशुभ का निर्माण होता रहता है, इस दोष का नाम दो शब्दों से मिलकर बनता है: “काल” और ” सर्प” काल का मतलब है समय या मृत्यु और सर्प का मतलब है सांप काल सर्प दोष का अर्थ है ऐसा दोष जो व्यक्ति के जीवन में विषैले समय या कठिनाईयों को लाता है।

 

काल सर्प दोष कैसे बनता है?

काल सर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में किसी भी व्यक्ति की कुंडली सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाता है राहु या केतु को छाया ग्रह मन जाता है जब कुंडली में किसी भी व्यक्ति की कुंडली में दो छाया ग्रह के बीच में आ जाता है तो काल सर्प दोष की स्थिति उत्पन्न होती है

 

काल सर्प दोष के लक्षण क्या हैं?

ज्योतिष शास्त्र के बारे में बताते हैं कि जब कभी भी कुंडली में काल सर्प दोष उत्पन्न होता है तो उसकी अवधि में जातक को काई पारकर के अर्थ, शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है काल सर्प दोष से उत्पन्न कष्टों का अंदाज़ वही लग सकता है जिसकी कुंडली में यह दोष हो।

01. Swasthya Samasya: व्यक्तित्व को लगातर है स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या हो सकती है

02. Vitteeya Samasya: धन की कमी करोबार मुख्य नुक्सान या आर्थिक समास्या होती है

03. Mansik Tanaav: मानसिक तनाव, अवसाद, और नींद की कमी भी काल सर्प दोष के लक्षण है

04. Shadi aur rishte: विवाह में देरी से वैवाहिक जीवन मुख्य, और पारिवारिक जीवन में भी इसके संकेत हो सकते हैं

 

काल सर्प दोष के प्रकार

काल सर्प दोष के कुल 12 प्रकार माने जाते हैं जो व्यक्ति के जीवन में भी प्रकार का दोष लगता है यह 12 प्रकार का है।

01 अनंत काल सर्प दोष
02 कुलिक काल सर्प दोष
03 सुकि काल सर्प दोष
04 शंखपाल कालसर्प दोष
05 पद्म काल सर्प दोष
06 महापद्म काल सर्प दोष
07 तक्षक काल सर्प दोष
08 करकोटक काल सर्प दोष
09 शंखनाद काल सर्प दोष
10 घातक काल सर्प दोष
11 विषधर कालसर्प दोष
12 शेषनाग काल सर्प दोष

 

काल सर्प दोष निवारण

कुंडली में ग्रह-नक्षत्र से संबंधित दोषों के निवारण के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में उपाय बताए गए हैं. जानकार बताते हैं कि इस दोष से मुक्ति पाने के लिए जातक को घर में पूजा स्थल पर मोरपंख धारण किए हुए श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर लगानी चाहिए. इसके अलावा भगवान की पूजा के दौरान ओम् नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए.

काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए सोमवार, मासिक शिवरात्रि, महाशिवरात्री, त्रयोदशी, इत्यादि तिथियों पर भगवान शिव का विधि वर्त रुद्राभिषेक करना चाहिए एशके शत हे मीठी सी सवा लाख महादेव बनाकर उनकी पूजा करने पर काल सर्प दोष का अशर काम होता है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसर नाग देवता की पूजा करने से भी ईश दोष से मुक्ति मिल सकती है एषे मुख्य है इसके लिए हर माह की पंचमी तिथि को अनंत वासुकी, तक्ष, काराकोटा, पद्म, शान, कुलिक काल सर्प दोष की पूजा करनी चाहिए नाग देवता की पूजा करनी चाहिए फले महादेव की पूजा करनी चाहिए

 

निष्कर्ष

काल सर्प दोष के महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है जो व्यक्ति के जीवन में अनेक प्रकार की समस्या ला सकता है हलकी उचित पूजा, अनुष्ठान, और उपाय के माध्यम से ईश दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है व्यक्ति को किसी अनुभव ज्योतिष की सलाह लेकर सही उपाय करने चाहिए ताकि जीवन में शुक और शांति बनी रहे

 

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